राजदूत क्या है
विश्व में कई देश है, और सभी देश आपसी सामंजस्य बेहतर बनानें के लिए अपना एक व्यक्ति एक- दूसरे देश में नियुक्त करते है, और इन्ही व्यक्तियों के माध्यम से एक देश दूसरे देश में पत्राचार या आधिकारिक सूचना का आदान-प्रदान करते है| जिन्हें हम राजदूत के नाम जानते है| उदहारण के रूप में यदि कोई भारतीय निवासी अमेरिका में रह रहा है और उसे वहां किसी करणवश प्रताड़ित किया जा रहा है, तो वह अमेरिका स्थित दूतावास में उपस्थित भारतीय राजदूत से अपनी बात कह सकता है| भारतीय राजदूत अमरीकी सरकार से इस बारे में बात कर समस्या का समाधान करा सकता है| प्रत्येक देश में एक दूतावास का निर्माण किया जाता है, जिसके अन्दर सेना को नहीं भेजा जा सकता | आईये जानते है, राजदूत (Ambassador) क्या होता है और इनके कार्य क्या है?
राजदूत (Ambassador) क्या होता है[/caption]
राजदूत क्या होता है (What Is Ambassador)
28 अप्रैल 1949 को राष्ट्रमंडल देश (Commonwealth countries) का गठन किया गया था, जिसमे 53 देश शामिल थे| तब इस बात को सुनिश्चित कर दिया गया था, कि जो देश राष्ट्रमंडल देश की सूची के अंतर्गत नहीं आते हैं, उन देश में भेजे जाने दूतों को राजदूत कहा जायेगा| किसी भी देश का राजदूत अपनें तैनाती देश में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अथवा अंतर्राष्ट्रीय संस्था में प्रतिनिधित्व करते है| चूँकि इस समय अंतर्राष्ट्रीय विधि का प्रचलन है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक स्वतंत्र देश अपना राजदूत दूसरे देश में नियुक्त करता है| इस समय एक देश के नागरिक दूसरे देश में रोजगार के लिए जाते है, दूसरे देश में जाने के बाद वहां का दूतावास ही अपने नागरिकों के हितों का ध्यान रखता है और किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर दूतावास के माध्यम से सहायता को अपने देश से मगायीं जा सकती है |
राजनयिक दूत का कार्य
- अपनी नियुक्ति के देश में भारत के राष्ट्रीय हितो की सुरक्षा करना|
- अपनी नियुक्ति के देश में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना |
- अपनी नियुक्ति के देश में उन घटना क्रमों की सटीक जानकारी देना जो भारत के नीति निर्माण को प्रभावित कर सकते है|
- राजदूत मेजबान देश में वाणिज्यिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक गतिविधियों पर नजर बनाये रखता है और इसकी सूचना अपने देश को भेजता है |
- एक राजदूत का मुख्य कार्य मेजबान देश के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों को बढ़ावा देना|
- राजदूत कार्यालय के द्वारा ही पासपोर्ट, वीजा तथा अन्य यात्रा-सम्बन्धी प्रपत्र जारी करना|
भारतीय राजदूत की नियुक्ति
विदेश सेवा अधिकारी विदेश में अपनी सेवा तृतीय सचिव के रूप में शुरू करता है, और सेवा में स्थायी होते ही उन्हें द्वितीय सचिव पद पर पदोन्नत कर दिया जाता है| इसके बाद प्रथम सचिव, मंत्री और राजदूत / उच्चायुक्त / स्थायी प्रतिनिधि के स्तर की होती है| विदेश मंत्रालय में पदों की 6 क्रम अवस्थाएं है, जो इस प्रकार है-
- अवर सचिव
- उपसचिव
- निदेशक
- संयुक्त सचिव
- सचिव
- अपर सचिव